बौद्धिक उदासीनता: पढ़ाई में मन कैसे लगाएँ
बौद्धिक उदासीनता: पढ़ाई में मन कैसे लगाएँ
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यह सच है कि अक्सर हम पढ़ाई में निष्क्रिय महसूस करते हैं। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि बोरिंग पाठ्यक्रम, परीक्षा का दबाव या सिर्फ़ मनोदशा की उतार-चढ़ाव। लेकिन चिंता न करें! आप अपनी ध्यान को फिर से जगा सकते हैं और पढ़ाई में मजेदार बना सकते हैं।
यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
* **नए विषयों का पता लगाएँ:** क्या आप उस विषय में विश्वास रखते हैं जिसका आप अध्ययन कर रहे हैं? हो सकता है कि आपको किसी और क्षेत्र में अधिक रुचि हो। here नया कुछ सीखना हमेशा मजेदार होता है!
* **अधिक अभ्यास करें:** पढ़ाई एक ऐसी चीज है जिसे नियमित रूप से ध्यान देना चाहिए। थोड़ी-थोड़ी समय प्रतिदिन समर्पित करके आप {उपलब्धिजिज्ञासुता का मार्ग, बुद्धि का द्वार बंद
ज्ञानाची ख्वाहिश, समर्थन करणारी बुद्धिमानी/शक्ति/सुविधा यांचे दरवाजेवर एक बाधा/चुनौती/रोकथांब. तेव्हा पाहिजे तो ज्ञानसंपन्न/प्राप्त/मिलणारा नाही, कारण आपल्या आत्म्यात घाबरून जातो/आश्चर्य वाटते/अडथळा निर्माण करतात.
ध्यान भंग होता है, पढ़ाई पीछे छूट जाती है
एक छात्र की जिंदगी में यह सबसे आम समस्या है। जबकि मन हर बात पर चुभता रहता है तो सीखने की राह पीछे छूट जाती है। निष्ठा से कार्य से ही मन को नियंत्रण में रखना और पढ़ाई में प्रगति हासिल करना संभव है।
- ध्यान केंद्रित करें
- अध्ययन के लिए समय-सारिणी बनाएँ
- पढ़ाई के लिए एक शांत स्थान खोजें
ध्यान भटका हुआ : कब तक रहेगा पढ़ाई में?
अगर आपकी दृष्टि पढ़ने से हट रही हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। यह बहुत आवश्यक है कि हम पढ़ाई में केंद्रित रहना रखें। जब पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है , तो यह कई बातों का परिणाम हो सकता है जैसे थकान. कुछ ही तरीकों से आप पढ़ाई में मन लगा सकते हैं.
शौक मिट गया , पढाई का आकर्षण कम
यह एक डरना है जो अनेक छात्रों को सहना पड़ता है। जब जुनून खत्म होता, तो पढ़ाई एक काम लग सकती है। धैर्य का अभाव छात्रों को पढ़ाई से दूरी में ले जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप, उनकी निरंतरता में उतार-चढ़ाव आती है।
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